गणित और कला का पुराना नाता है। वैदिक यज्ञों में बनने वाली वेदियों और हवन कुंडों से लेकर पिरामिड तक। पुराने से पुराने कला के नमूनों में गणितीय अनुपात देखे जा सकते हैं।
इससे पहले इस ब्लॉग पर सुनहरा अनुपात (गोल्डेन रेशियो/सौंदर्य अनुपात), फ्रैक्टल, और एक गणितीय नेकलेस जैसी कुछ पोस्ट में ऐसी कलाओं का जिक्र मैंने किया था । पर पिछले दिनों ब्रिजेस गणितीय कला का लिंक मिला। यहाँ पर आप कुछ आधुनिक गणितीय कला के शानदार नमूने देख सकते हैं।
पिछले कुछ प्रदर्शनियों की कलाकृतियाँ और 2012 के कोन्फ्रेंस में दिखाई जाने वाली कलाकृतियाँ भी।
एक से बढ़कर एक ! जैसे ये दो नमूने देखिये। ये बर्कली स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के कम्प्युटर साइंस के प्रोफेसर कार्लो सेक्वेन की कलाकृति है।
नीचे वाली कलाकृति बैरी सिप्रा की है। इनकी कलाकृति 'लूपी लव' मोबियस स्ट्रिप पर लिखी गयी एक लघु प्रेम कहानी है। मोबियस स्ट्रिप की ये खासियत होती है कि उसकी सतह एक ही होती है। अर्थात आप जहां से चलें वहीं वापस आ जाते हैं... अर्थात जिस पन्ने से बनाया जाय उस असली पन्ने का दोनों हिस्सा तय कर लेते हैं - बिना कभी पन्ना पलटे !
'लूपी लव' के बारे में पढ़िये: पाठक आसानी से उस पर लिखी कहानी बिना कभी पन्ना पलटे पढ़ सकते हैं। देखने वाले इसे उठा कर इससे खेल सकते हैं और शुरू से अंत तक कहानी पढ़ सकते हैं – बस ना कोई शुरुआत है न कोई अंत !
बाकी कला दीर्घा आप लिंक पर देख कर आइये। रोचक है।
बढ़िया जानकारी. फिर तो आपको यह भी पता होगा कि मोबियस स्ट्रिप को बीचोंबीच कैंची से काटने पर क्या बनता है.
ReplyDeleteवाह आपने तो गणित का ट्यूशन दे भी दिया और हम डर के मारे क्लास छोड के भागे भी नहीं । रोचक पोस्ट है महाराज । कला दीर्घा भी देख कर आते हैं अभी
ReplyDeleteआपके इस ब्लॉग को बुकमार्क करके रख लिया है ।
ReplyDeleteबहुत ही रोचक पठनीय सामग्री..
ReplyDeleteमजेदार प्यारी जानकारी -यह आर्ट आर्ट की सिनर्जी है .....मैथ आर्ट और कहानी आर्ट !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत!
ReplyDeletebahut sundar ,aise hi kamar hamare dharam ji (khotej.blogspot.wale bhi dikhate rahte hai,
Deletesado ki kala kriti
bahut sundar ,aise hi kamar hamare dharam ji (khotej.blogspot.wale bhi dikhate rahte hai,
ReplyDeletesado ki kala kriti
गणित और कला, अजीब सा साथ है । पर अच्छा लगा और कठिन भी नही था ।
ReplyDeleteयह सच है कि गणित और कला दोनों एक साथ के लिए बने हैं, साथ-साथ के बिना दोनों पूर्ण नहीं हैं !
ReplyDeleteआपका यह पोस्ट अच्छा लगा। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रिया की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।
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