हिग्स बॉसन के आविष्कार के खबर में एक पंक्ति ये भी है कि इस खोज का विश्वास स्तर या कांफिडेंस लेवल ५ सिग्मा का है। क्या है ये विश्वास स्तर?
सांख्यिकी में विश्वास स्तर को स्टैंडर्ड डेविएशन (मानक विचलन) की इकाई में नापा जाता है। जिसे ग्रीक अक्षर सिग्मा से लिखा जाता है। सिग्मा अर्थात मानक विचलन अर्थात आंकड़ों में विभिन्नता का माप। एक आंकड़ें में दिये गए अंक अपने औसत से कितने दूर या पास है।
कोई भी परिणाम कितना भरोसे का है उसके लिए अक्सर सांख्यिकी के विश्वास स्तर के सिद्धान्त का इस्तेमाल किया जाता है। समाजशास्त्र, भौतिकी, अभियांत्रिकी, आयुर्विज्ञान, वित्तीय अभियांत्रिकी जैसे लगभग हर क्षेत्र में इस सिद्धान्त का इस्तेमाल होता है।
समान्य वितरण या नॉर्मल डिस्ट्रिब्यूशन या बेल कर्व (घंटी के आकार का वक्र होने के कारण इसे बेल कर्व भी कहते हैं) सांख्यिकी का सबसे प्रसिद्ध वितरण है। इस वितरण में अधिकतर आंकड़े औसत के करीब ही होते हैं और जैसे जैसे हम औसत से दूर होते जाते हैं आंकड़ों की संख्या तेजी से कम होती जाती है। वास्तविक जीवन में ऐसे वितरण अक्सर देखने को मिलते है जैसे किसी क्लास में अधिकतर बच्चे औसत के करीब अंक लाते हैं। बहुत ज्यादा और बहुत कम अंक लाने वाले छात्र हमेशा ही कम होते हैं। वैसे ही किसी कार्यालय में बहुत ज्यादा काम करने वाले और बहुत कम काम करने वाले भी कम होते हैं ज़्यादातर औसत ही होते हैं। लोगों की ऊंचाई पर भी ये वितरण काम करता है इत्यादि!
समान्य वितरण के हिसाब से औसत के 1 सिग्मा की दूरी के अंदर ही 68.27 प्रतिशत आंकड़े आ जाते हैं। 2 सिग्मा के अंदर 95.45 प्रतिशत, 3 सिग्मा के अंदर 99.73... इसी तरह 5 सिग्मा के अंदर 99.9999426696856 प्रतिशत। अर्थात समान्य वितरण में कुछ 5 सिग्मा से बाहर हो इसके होने की संभवना बहुत कम हो जाती है। लाखों में एक होने की तर्ज पर - 3,488,555 में एक।
पर किसी वितरण के समान्य वितरण जैसा होने का मतलब ये कभी नहीं होता कि वो समान्य वितरण ही हो। जैसे प्रकृति में अक्सर 10-12 सिग्मा से बाहर की घंटनाएँ भी होती रहती हैं। जैसे - सुनामी ! शेयर बाजार में भी इस वितरण का बहुत इस्तेमाल होता है पर अक्टूबर 1987 के शेयर बाजार की गिरावट 36 सिग्मा से बाहर होने की घटना थी ! समान्य वितरण के हिसाब से - लगभग असंभव ! कहने का मतलब ये कि इस वितरण को इस्तेमाल करने से पहले इसके सही अर्थ को समझना भी बहुत जरूरी है। लगभग असंभव और लगभग समान्य... दोनों में ही 'लगभग' शब्द बहुत महत्त्वपूर्ण है।
इस घोषणा में 5 सिग्मा भरोसा होने का अर्थ ये है कि इन परिणामो के एक अनायास ही संयोग होने की संभावना 3,488,555 में 1 होने जैसी है ! (पर शून्य नहीं)
इससे पहले केवल 2.5 सिग्मा का भरोसा होने से इसे खोज का नाम नहीं दिया जा सका था।
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ये सिद्धान्त कहीं भी लागू हो सकता है। अभी खयाल आया कि 36-40 सिग्मा से बाहर वाली खूबसूरती वाला पैराग्राफ गणितीय प्रेम पत्र में भी जोड़ा जा सकता था।
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~Abhishek Ojha~
ऐसी पोस्टों की संभावना का सिग्मा स्तर ५ के ही आस पास होना चाहिए | अच्छी जानकारी दी आपने |
ReplyDeletequite informative and I got the information of 6 sigma level. Thanks to Mr. Abhishek Ojha ji.
Deleteइस सामयिक लेख के लिए आभार
ReplyDeleteमगर यह सब -हिग्स बोसान भी केवल एक बौद्धिक व्यायाम ही लगते हैं बल्कि बौद्धिक शीर्षासन :-)
सुबह सुबह आपने अच्छा सा करा दिया !
@ बौद्धिक व्यायाम
Deleteभाई हम आलसी ठहरे - पतली गली से निकल कर जा रहे हैं,
जब मैने CERN की प्रेस विज्ञप्ति देखी,सबसे पहले कांफीडेस लेवल ही देखा था। 5 सिग्मा देखकर संतुष्टि हुयी थी। पिछला 2.5 तो भरोसे के लायक था ही नही!
ReplyDeleteबुद्धि-भवनों पर इतना विश्वास, हमें तो विश्वास पर अविश्वास हो आया।
ReplyDeleteमेरे लिए नई जानकारी.
ReplyDeleteआमतौर पर दुनियावी भरोसे किस सिग्मा के होते होंगे...
ReplyDeleteक्या मजेदार है सिग्मा की दुनिया भी।
ReplyDeleteबीते दिनों ही सिक्स सिग्मा certificate किया है, अच्छा लगा इसे पढना :)
ReplyDeleteअरे वाह, एक सांख्यिकीय अवधारणा पर लिखी पोस्ट भी इतनी स्पष्ट और सरल हो सकती है, यक़ीन नहीं हो रहा, धन्यवाद!
ReplyDeleteये कहना ज़रा मुश्किल है कि लोगों का भरोसा कितने सिग्मा का है!
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