Saturday, June 14, 2008

बातें गणित की...प्रतिक्रियाएं आपकी

गणित की बातें शुरू करने से पहले मैंने ये कभी नहीं सोचा था की इतनी सारी प्रतिक्रियाएं आएँगी। पर जैसा की मैंने कहा था... आपको गणित अच्छा लगे या न लगे बिना इसके कुछ नहीं हो सकता और शायद गणित ने कईयों की दुखती नस पर हाथ रख दिया :-) मैंने लक्ष्य रखा था की अगर ५ लोगो की भी गालियाँ आ गई तो श्रृंखला जारी रहेगी...
वैसे सबसे ज्यादा धन्यवाद के पात्र हैं द्विवेदी जी... मुझे आशा है की मैं उनकी मुहब्बत आप तक पंहुचा पाउँगा। वैसे वकीलों का गणित से पुराना नाता है... इस पर भी एक पोस्ट लिखने का मन है।

कई टिपण्णीयों का जवाब देने का मन हुआ तो सोचा की एक पोस्ट ही लिख दी जाय...

सबसे पहले उड़न तश्तरी वाले समीर जी: समीर जी आपका आना भला किसे बुरा लग सकता है। आंखें बिछाए हम आपका इंतज़ार करते रहते हैं.... अगर आपको अच्छा न लगे तो बाकी सब कुछ बाद में... आज से ही ये श्रृंखला बंद ! आपको तो आना ही पड़ेगा... और गणित तो कविता की तरह खूबसूरत होती है, और आप ठहरे कवि ह्रदय व्यक्ति... :-) और क्या चाहिये ! वैसे फैसला तो आपको ही करना है। (वैसे आप बंदूक से कब से डरने लगे?)

उन्मुक्त जी को धन्यवाद गणित पर बहुत अच्छी बातें उन्होंने लिखी हैं... मैं कोशिश करूँगा उनकी तरह अगर कुछ लिख पाया तो।

अनुनाद सिंह जी: अवश्य मैं कोशिश करूँगा विकिपेडिया पर लिखने की समयाभाव है थोड़ा और अभी अगले महीने एक परीक्षा भी दे रहा हूँ। पर लिखूंगा जरूर।

नितिन व्यासजी, सिद्धार्थजी , बाल किशनजी, जी के अवधिया जी, हरिमोहन सिंहजी आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद आशा है श्रृंखला जारी रख पाऊंगा। और आपकी आशा पर खरा उतरने की पूरी कोशिश रहेगी।

कुश भाई डरने की बात नहीं है मेरा वादा है 'बाप रे' वाला गणित नहीं आएगा... कहानियाँ और 'कैसे-कैसे गणित' ही बहुत हो जायेंगे। आप निडर रहिये... मेरा प्रयास है गणित के इस्तेमाल और उसके विकास, इतिहास में रोचकता पैदा करना। आप ऐसे डरेंगे तो कैसा काम चलेगा। मिश्राजी ने बिल्कुल सही कहा है अब परीक्षाएं तो है नहीं... ममता जी आपके छतीस के आंकडे को तैतीस में तो नहीं बदल सकता पर एक बार दुश्मन की तरफ़ हाथ बढाइये छतीस भी नहीं रहने पायेगा।

अनिताजी आप से अनुरोध है आप कहानियाँ लाइये आप भी लिखिए... हम पढेंगे... और आपने सिग्मा को बिल्कुल सही पहचाना और ये भी सही की ज्ञान जी सारे सिम्बल सही पहचान गए... अरे इंजिनियर ठहरे... कैसे नहीं पहचानेंगे। ज्ञान जी को तो हमेशा ही धन्यवाद है। उनके लोगो पर भी काम चालू होगा जल्दी ही।

टिपण्णीयों से कई सारे विचार मिले गणित और रोजगार पर भी लिखने का मन है... आख़िर सब अपनी जगह है पर रोजी-रोटी भी तो मायने रखती है। आप सब से अनुरोध है की अगर आपको गणित के किसी ख़ास शाखा के बारे में कुछ जानना हो तो जरूर बतायें... उसे पढने और यहाँ लाने की जिम्मेदारी मेरी। अगर श्रृंखला सही चली तो अपने एक प्रोफेसर साहब से भी अतिथि लेख लिखवाने का मन है... देखते हैं योजनायें कहाँ तक सफल हो पाती हैं।



और अब थोडी बातें कल वाले लोगो के बारे में... लोगो में सिग्मा (ग्रीक अक्षर), integration (समाकलन) का सिम्बोल और एक ग्लोब है जिसे तो आप पहचानते ही हैं। Stamatics, IIT कानपुर के गणित और स्यांखिकी पढने वालों का समूह है जो Mathematics और Statistics मिला कर बनाया गया है। सिग्मा का उपयोग किसी क्रम (सीरीज़) के योग को प्रदर्शित करने में किया जाता है। लोगो बनाते समय ये विचार किया गया था की लोगो ये प्रदर्शित करेगा की Stamatics वाले विश्व में कहीं भी हैं जुड़े हुए हैं। और integration के सिम्बोल का भी ऐसा ही कुछ मतलब लगाया गया था पर साथ में एक path integration (पथ समाकलन) भी होता है. 'कॉम्प्लेक्सअनाल्य्सिस' में किसी closed curveपर पथ समाकलन किया जाय तो उसका सिम्बोल होता है: integration वाले सिम्बोल के बीच में एक वृत्त, आप इसे नीचे वाले चित्र में देख सकते हैं. कुछ इसी को प्रदर्शित करने का काम किया ग्लोब के साथ integration सिम्बोल ने। यानी दुनिया को closed curve मानते हुए ... Stamatics वालों का integration :-)














~Abhishek Ojha~

7 comments:

  1. शुक्र है हम तो ये सोचकर ही डर गये थे की कही आप गणित के सवाल न डाल दे वहां पर की लो जी अब सुलझाओ इन्हे.....

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  2. गणित और गणितज्ञों पर; बिना डराये या लोगों को पुट-ऑफ किये बिना लिखा जा सकता है - यह आज आइडिया आया।

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  3. अरे, नहीं भाई-जारी रहिये. मजाक कर रहे थे. यहाँ तो फायनेन्सियल मेथ्स से रोज जूझ रहे हैं. :)

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  4. अभिषेक बाबू, आपने तो गणित की बात करके नई राह खोल दी। मैंने भी एमएससी-गणित में किया था और गणित में बचपन से ही रुचि है। चलिए अब आपके यहां आने से कुछ नई पुरानी गुत्थियां सुलझती जाएंगी।

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  5. कल की पोस्ट चूक गए थे. आज दोनों पढीं, मजा आ गया. इस विषय पर हिन्दी में इतना बढ़िया कुछ पढने को मिलेगा, अंदाजा नहीं था. आगे बड़ी उम्मीदें हैं. जारी रखिये.

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  6. श्रंखला जम रही है.
    थोड़ा बहुत गणित तो हम भी सीख ही जायेंगे.

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  7. हमारी मुहब्बत इस लिए भी बढ़ गई है कि हम भले ही आगे न बढ़ पाए हों, पर बेटी एमएससी गणित विज्ञान कर चुकी है।

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