‘पाई गलत है !’
- इस नाम का एक आलेख और ‘टाऊ मैनिफेस्टो’ नामक एक अन्य दस्तावेज इन्टरनेट पर पिछले कुछ महीने में बहुत लोकप्रिय हुए हैं। इनका कहना है कि पाई गलत है ! और उसकी जगह टाऊ का उपयोग होना चाहिए।
टाऊ के समर्थकों का कहना है कि अगर पाई की जगह टाऊ इस्तेमाल करें तो गणित, भौतिकी इत्यादि में जहां कहीं भी पाई का इस्तेमाल होता है वो सब कुछ समझने में ज्यादा आसानी होगी और सब कुछ ज्यादा तर्कसंगत और इंट्यूटिव लगेगा।
पाई जो सदियों से गणित का सबसे लोकप्रिय अंक और प्रतीक रहा है को इन दस्तावेजों में गलत करार दिया गया है. सबसे पहले आपको काम की ही बात बता दूँ यहाँ पाई गलत होना (Pi is wrong !) कहना थोड़ा भ्रामक है। वास्तव में ये भी यह नहीं कह रहे कि पाई गलत है - बल्कि यह कि पाई अव्यवहारिक है। वैसे ही जैसे अपनी नाक को पकड़ना हो तो हाथ को गर्दन के पीछे से घुमाकर भी यह काम किया जा सकता है पर जब आसानी से नाक पकड़ी जा सकती है तो इतना करने का क्या लाभ? टाऊ समर्थकों के अनुसार टाऊ गणित समझने को थोड़ा आसान बनाता है - पाई थोड़ा कठिन !
पाई का अर्थ होता है वृत्त की परिधि और व्यास का अनुपात। टाऊ का अर्थ है वृत्त की परिधि और त्रिज्या का अनुपात। अर्थात टाऊ हुआ पाई का दोगुना ! बस इतनी सी बात है - पाई की जगह टाऊ बट्टे दो लिख देना है। और टाऊ का मान पाई का दोगुना अर्थात ६.२८...।
इससे गणित और साथ ही दूसरे किसी विज्ञान का कोई भी नियम नहीं बदलेगा। बस इतना होगा कि गणितीय सूत्र यथा नाम तथा गुण के थोडे करीब हो जाएँगे। और इस प्रकार गणित के नियम समझने में थोड़ी आसानी होगी।
अभी अधिकतर सूत्रों में २*पाई लिखना पड़ता है। टाऊ का इस्तेमाल करने पर बार बार २ नहीं लिखना पड़ेगा। बात बस इतनी सी ही नहीं है - एक पूर्ण फेरे से बने कोण को अभी हम २*पाई कहते हैं, आधे को पाई और एक चौथाई को पाई बट्टे २ इत्यादि। अगर हम एक फेरे से बने कोण को टाऊ कहने लगें तो आधे के लिए टाऊ बट्टे २ और चौथाई के लिए टाऊ बट्टे ४ कहेंगे जो ज्यादा इंट्यूटिव है। अगर हम पाई की जगह टाऊ लिखने लगें तो आश्चर्यजनक रूप से इंट्यूटिव लगने के अलावा गणित, भौतिकी और अभियांत्रिकी के कई कठिन सूत्र भी आसान हो जाएँगे ! जैसे गणित का वो खूबसूरत समीकरण जिसकी चर्चा इस पोस्ट में है वो कुछ यूं हो जाएगा...
इन दो दस्तावेजों में इसे बखूबी समझाया गया है।
१॰ पाई इज रोंग
इन्हें नहीं पढ़ना हो तो कोई बात नहीं लेकिन ये वीडियो जरूर देखें। ये लड़की गणित बहुत जल्दी में अच्छे से पढ़ाती है। ...असली 'क्यूट' मार्क देखकर ही गणित पढ़ना हो तो कुछ कुछ इसी टाईप का ही होगा :)
अंत में काम की बात: आगे से कभी बात चले तो कहिएगा कि गणितज्ञों ने ही उलटा पढ़ा दिया नहीं तो गणित तो सच में बहुत हल्का होता है। हमें तो बस पाई की जगह टाऊ पढ़ा दिया होता तो हम भी आज....! बात बस इतनी सी थी और...
वैसे इसके खिलाफ पाई समर्थकों ने भी पाई का मैनिफेस्टो बनाया है। और उधर जैसे ३/१४ (१४ मार्च) को पाई डे मनाया जाता है उसी तर्ज पर ६/२८ (२८ जून) को ताऊ डे मनाया जाने लगा है। आप पढ़ के आइये बहुत रोचक लिंक हैं।
~Abhishek Ojha~
इस पोस्ट को लिखवाने के लिए 'ब्रह्मांड निवासी - अन्तरिक्ष विचरईया' आशीषजी का शुक्रिया।
इस ब्लॉग के पोस्ट पर (इरिसपेक्टिव ऑफ अपडेट फ्रेक्वेंसि ऐंड क्वालिटी ऑफ पोस्ट) जरूर प्रतिक्रिया देने वाले डॉ अमर कुमार को ये ब्लॉग हमेशा बहुत मिस करता रहेगा। और इस बहाने उनसे होने वाली बातचीत को मैं :(
खबर तो काफी दिनों पूर्व सुनी थी पर हिन्दी में आपने अच्छे से समझा दिया, धन्यवाद।
ReplyDeleteकब होंगे पूरे हम?
बहुत ढिंचक पोस्ट है। ‘पाई’ का ज्ञान इंटर स्तर तक था उसके बाद पढ़ाई का रास्ता दर्शन, राजनीति, और मनोविज्ञान की ओर मुड़ गया। फिर भी मन में इसे पढ़ने का कौतूहल बना रहा।
ReplyDeleteआप गणित को भी आसान समझने की खुशफहमी फैला देते हैं। :)
khali dimaag shaitan ka ghar...
ReplyDeleteरोचक, पता नहीं ताऊ कि ताई।
ReplyDeleteताऊ(टाउ)जी का स्वागत है
ReplyDeleteकुछ दिनों पहले ही पढ़ा था इस बारे में, वाकई है तो बहुत रोचक!
ReplyDeleteऔर आप ने और भी रोचक ढंग से समझाया है। वीडियो शानदार है। :)
एप्पल पाई का क्या होगा ? एप्पल टाऊ/२ !
ReplyDeleteना जी, हम तो पाई के समर्थन मे ही है! पुरानी आदत है ना, चलता है ना,तो चलने दो!
मुझे तो यह बेकार का विवाद लगता है। अन्तर ही क्या पड़ता है पाई प्रयोग किया जाय या टाओ। लेकिन पुराने लोगों को तो पाई ही समझ में आता है।
ReplyDeleteमुझे अब समझ में आया कि गणित क्यों समझ में नहीं आता था. ससुरे पहले पूरे माल को आधा कर देते थे और उसे पूरा बताते थे! गलत को सही बता कर समझाओगे तो हम जैसे सही समझ वाले को ये गलत बात कैसे समझ आएगी भला!
ReplyDeleteसच में ई अंग्रेजिया सब पागले होता है का? कवनो चीज में डे मनाना और रह रह के पगलाते रहना शुरू कर देते हैं ई सब। जइसे धरती स्थिर है नाम के साइट तक श्री प्रवीण शाह जी पहुँचा दिए थे एक बार, ओइसे ही आप पाई-टाऊ तक पहुँचा रहे हैं…
ReplyDeleteपढ़ लिये हैं लेकिन टिपियायेंगे जरा लौट के। :)
ReplyDeleteइसका कोई सम्बन्ध अपने ब्लॉग जगत के ताऊ से तो नहिये है न ?
ReplyDeleteभाई मेरे जैसे लोगों के लिए टाउ या ताउ, पाई व ताई में कोई फ़र्क़ नहीं है अलबत्ता इतना ज़रूर है कि जैसे बिना इंटरनेट के ज़माने में ही स्टोव-देवता व दूध पीने वाले मूर्तियां जगप्रसिद्ध होते रहे हैं वैसे ही आज टाउबाज़ी हो रही है और इंटरनेट के चलते तो बाछें खिल-खिल जा रहीं हैं :)
ReplyDeleteदुसरे वाले ब्लॉग के धोखे में इधर आ गए...मैथ हमें बहुत डराता है इसलिए कुछ आसान रास्ता मिलने के चक्कर में पूरी पोस्ट पढ़ डाले हालाँकि अब चाहे पाई हो या ताऊ हो मेरा कोई भला तो होने से रहा.
ReplyDeleteवीडयो बहुत अच्छा लगा...खास तौर से जब ग्राफ में लिखती है 'who am I' मैथ पढते हुए ऐसे मेमोरी लोस होने का खतरा रहता है...इंसान अपने पूरे 'होने' पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है. संसार मोह माया है कह कर मैथ से पल्ला झाड लेना ज्यादा आसान है. :)
very interestingly written मैथ देखने के बावजूद अगर हम भाग खड़े नहीं हुए तो आपकी शाबाशी बनती है. pat your back for me :D