टोपोलोजी शुद्ध गणित का एक विशुद्ध टाइप का ब्रांच होता है. एकदम अमूर्त... वो गणित जो बस इसलिये पढ़ा-पढ़ाया और विकसित किया जाता है क्योंकि बस गणित है. सालों तक कोई उपयोग या वास्तविक जीवन से जोड़कर नहीं देखा गया. ऐसे में अगर कोई पूछ ले: टोपोलोजी का उपयोग क्या है? तो ये सवाल बड़ा कठिन हो जाता है. अगर आपसे कोई पूछे कि अंकगणित का क्या उपयोग है, त्रिकोणमिति का क्या उपयोग है या फिर ज्यामिति का क्या उपयोग है तो झट से कुछ चित्र दिमाग में आते हैं. कुछ कोण, क्षेत्रफल, खगोल, गति, दूरी, ऊँचाई... इत्यादि. लेकिन टोपोलोजी का प्रत्यक्ष उपयोग देखने को नहीं मिलता और सीधा-सीधा उपयोग बता पाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ऐसा उपयोग है ही नहीं. वैसे धीरे-धीरे टोपोलोजी के सिद्धांतों के कई उपयोग होने लगे हैं. इस ज्यामितीय सोच से कई बातों को समझने में सुविधा हुई है.
अगर कोई उत्सुक व्यक्ति गणित की अन्य शाखाओं के उपयोग के बारे में जानना चाहे तो उसे कोई वस्तु या कोई चित्र बनाकर संतुष्ट किया जा सकता है. अगर किसी टोपोलोजिस्ट से पूछा जाय तो वो भी शायद एक कैंची और कागज की सहायता से मोबियस स्ट्रिप (पट्टी) बना कर दिखा सकता है. उस पट्टी को काटकर और क्या बनाया जा सकता है ये भी दिखा सकता है. हाँ ये बात अलग है कि किसी भी सामान्य व्यक्ति का अगला सवाल ये होगा कि इस स्ट्रिप का अब मैं क्या करूँ? मोबियस स्ट्रिप एक ही सतह की ऐसी पट्टी होती है जिसपर अगर आप एक बिन्दु से चलना चालू करें तो उस पट्टी के हर भाग से घूमकर वापस उसी बिन्दु पर वापस आ सकते हैं बिना कभी किनारे को पार किए ! इस लिंक पर आप चींटियों का मोबियस स्ट्रिप पर चलना देख सकते हैं. इस स्ट्रिप की तर्ज पर ही एक क्लाइन बोतल भी होती है. घूम-फिर के वापस वहीं पर आ जाने वाली बात के चलते रिसाइक्लिंग का संकेत मोबियस स्ट्रिप पर आधारित होता है.
एक टोपोलोजिस्ट आपको एक धागे कि मदद से ये भी दिखा सकता है कि कैसे तीन छल्लों को आपस में इस तरह जोड़ा जा सकता है जबकि कोई भी दो आपस में ना जुड़े हो ! (बोरोमीयन रिंगस). अगर वो कुछ और उपयोग दिखाना चाहे तो कुछ पार्लर ट्रिक भी दिखा सकता है. जैसे बिना कोट उतारे अंदर के अँगरखे को उतरना संभव है या नहीं ! अगर पक्का टोपोलोजिस्ट हुआ तो ट्रिक तो दिखाने से रहा... कागज पर इस ट्रिक के पीछे का गणित घंटों तक जरूर लिख सकता है.
पर ये उपयोग टोपोलोजी के उपयोग का कार्टून बनाने की तरह है. इसके असली उपयोग गणितीय ही होते हैं. इन उपयोगों से मुझे अपने एक गणित के प्रोफेसर साहब याद आते हैं. वो कहते कि मैं घर बैठे अपने दोस्त के साथ या अकेले भी बैंडमिंटन खेल लेता हूँ ! हाथ में कागज और पेंसिल लेकर. मुझे इसके लिए न तो कोर्ट जाने की जरूरत पड़ती है ना भाग-दौड़ ही. लेकिन अगर कागज पर बैडमिंटन के समीकरण लिखे जायें तो इसे बैडमिंटन खेलना तो नहीं कह सकते न? ठीक इसी तरह ऊपर जो उपयोग मैंने बताये वो किसी तरह टोपोलोजी के कुछ वास्तविक उपयोग ढूँढने के प्रयास भर हैं.
पार्लर ट्रिक वाला उदाहरण थोड़ा बेहतर है. कुछ भी संभव है या नहीं? इस सवाल/प्रक्रिया को गणितीय/ज्यामितीय रूप में लिखकर फिर हाँ या ना में उत्तर निकालना... टोपोलोजी का एक अच्छा उपयोग है.
टोपोलोजी की बाकी कड़ियाँ:
टोपोलोजी और फक्का !
बंद भी खुला भी !
~Abhishek Ojha~
बढ़िया रही टोपोलॉजी!
ReplyDeleteबहुत बढियां..
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ReplyDeleteइंट्रेस्टिंग ज्यामिती है! आप बताओ भैया, मेरे नए स्टार्ट अप के लोगो में इसे ही लगा दूं?
ReplyDeleteटोपोलॉजी :( साणू नही पता जी
ReplyDeleteभाई, टोपोलोजी के बारे में लिख कर आपने दुखती रग पर हाथ रख दिया..
ReplyDeleteजिंदगी में बस टोपोलोजी और 'सी' प्रोग्रामिंग लैंगवेज में ही शत-प्रतिशत नंबर आये थे.. इससे मेरी प्रतिष्ठा पर जो धक्का लगा था वह अभी तक मिटा नहीं है.. लोग अभी भी भ्रम पाले बैठे हैं कि मेरा लौजिक और मैथ्स अच्छा है.. :(
वैसे थोड़ा सा ट्यूबलाईट इसके उपयोग पर मैं भी डालना चाहूंगा.. अमूमन ग्राफिक्स प्रोग्रामिंग में इसका प्रयोग बहुत अधिक होता है.. गेम वगैरह बनाने वाली कंपनियां(जैसे इलेक्ट्रानिक आर्ट्स) इसका उपयोग अपने हाई-इंड ग्राफिक्स को डिजाईन करने के लिये करती है..
ReplyDeleteगेम वगैरह में कई आईटेरेशन ऐसे होते हैं जैसा कि ऊपर दिये गये चित्र में दिखाया गया है.. यहां मैं बात ऐसे लूप कि कर रहा हूं जो 1-2 या 3-4 या उससे भी अधिक बार एक ही सिरे से घूम फिर कर वापस वहीं आ जाये.. त्रिआयामी संरचना कि बात करें तो समीकरण और भी जटिल होता जाता है.. जिसके लिये साधारण अल्गोरिथम भी लिखा जा सकता है, मगर वह मेमोरी अधिक लेता है और समय भी.. जिसे तकनिकी भाषा में मेमोरी कंप्लेक्सिटी और टाईम कंप्लेक्सिटी कहते हैं.. और जहां हाई-इंड ग्राफिक्स की बात की जाती है वहां इस बात का सबसे अधिक खयाल रखा जाता है कि जहां कहीं भी मेमोरी बचा सको, बचा लो.. जो इसके जटिल समीकरण के प्रयोग से बचाया जाता है..
मेमोरी कंप्लेक्सिटी नहीं, वह मैंने गलत लिख दिया.. उसे स्पेस कंप्लेक्सिटी कहते हैं..
ReplyDeleteSorry..... :)
Thanks PD :)
ReplyDeleteघोर गानितय!!!!!
ReplyDelete@Prateek: हाँ क्यों नहीं करो. वैसे क्लाइन बोतल ज्यादा इंटरेस्टिंग दीखता है. एक बार गूगल कर के देखो.
ReplyDeleteअब हम क्या कहें इस टोपोलाजी पर. अगर आप लोग यकीन करें तो हमारे यहां टोपा या टोपे असल में मुर्ख को कहते हैं. जब वो टोपा ज्यादा ज्ञान बांटने लगता है तब अक्सर बोलते हैं कि अबे ओ टोपे...रहने दे तेरी टोपालाजी को.
ReplyDeleteहम इतनी देर से वही समजह के पढे जारहे थे...वो तो बाद मे समझ आया कि ये हमारे काम की चीज नही है.:)
रामराम.
Wow ...Is this how you think Abhishek bhai ?
ReplyDeleteIt is so difficult for me to fathom
but looks colorful & interesting.
Nice post. :)
In short a Mobius strip only has one side and one edge.
ReplyDeleteAn informative post..
Thanks for sharing...I almost forgot about these concepts..
Thanks once again..
बड़ा इन्फीरियारिटी कॉम्प्लेक्स दे रहे हो मित्र! :)
ReplyDeleteहे भगवान ! ये मैथ भी कहां कहां घुसा बैठा है.
ReplyDeleteबहुत अच्छा ।
ReplyDeleteअगर आप हिंदी साहित्य की दुर्लभ पुस्तकें जैसे उपन्यास, कहानियां, नाटक मुफ्त डाउनलोड करना चाहते है तो कृपया किताबघर से डाउनलोड करें । इसका पता है:
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bahut dino se janne ko utsuk tha, aaj mil hi gya. Thank you
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