पेशे तो सभी अच्छे होते हैं, उसमें क्या अच्छा क्या बुरा !
लेकिन एक बात तो है कुछ दिनों के बाद सबको अपना छोड़ दुसरे का ही पेशा अच्छा लगने लगता है। खैर वो तो अपनी-अपनी सोच है... ।
अमेरिका में तो हर बात का सर्वे होता है और हर चीज की रैंकिंग। वैसे एक्चुएरी का प्रोफेशन तो हमेशा से ही सबसे ज्यादा वेतन वाले पेशे में ऊपर रहता आया है। लेकिन ये रैंकिंग केवल वेतन की नहीं है ये सबसे अच्छे (और बुरे) पेशे की है। इस सर्वे में वेतन के अलावा काम का दबाव, परिवेश तथा रोजगार से जुड़े अन्य पहलुओं को ध्यान में रखा गया।
तो सबसे अच्छा कौन?
अरे साफ़ बात है इस ब्लॉग पर है तो क्या होगा? गणित !
आप कहेंगे 'व्हाट? ये भी कोई पेशा है?
अब पेशा नहीं है तो मैं इतना क्यों लट्टू हूँ भाई इस पर, बिना पैसे के भला आजकल कुछ होता है आजकल ! खैर गणित तो सर्वव्यापक है, पेशा तो बस उसकी माया का एक रूप है :-)
ये ख़बर पढ़ी तो सोचा कि आप को भी बता दूँ... (इसी बहाने ठूंठ हो रहे इस ब्लॉग के लिए एक पोस्ट भी मिल गई) अब तो गणित को गंभीरता से लीजिये भाई। सबसे अच्छे पेशों की सूची में शुरू के तीन स्थानों पर तो गणित ही है।
यहाँ दुसरे नंबर पर जो 'एक्चुएरी' है वो क्या होता है?... ये वो गणितज्ञ लोग होते हैं जो मूलतः बीमा और वित्त से जुड़ी कंपनियों के लिए काम करते हैं। पॉलिसी बनाना, प्रीमियम तय करना, रिस्क निकलना... और हाँ ये गणित की ही एक शाखा होती है... एक्चुएरी प्रोफेशन के लिए होने वाली परीक्षाओं/पाठ्यक्रमों में ९०% से ज्यादा गणित ही होता है, सांख्यिकी और नंबरों का खेल होता है बस। अगर आपको एक्चुएरी के गणितज्ञ होने पर शक है तो ये लीजिये एक अधिकारिक परिभाषा: "Mathematician who compiles and uses statistics mainly for insurance and finance purposes."
एक्चुएरी और सांख्यिकी पर कभी भविष्य में पोस्ट आएगी। अभी इस सर्वे का डिटेल आप वाल स्ट्रीट जर्नल पर जाकर देख सकते हैं या फिर सर्वे कराने वाली कंपनी पर ही.
~Abhishek Ojha~
साभार: वाल स्ट्रीट जर्नल.
Thursday, January 8, 2009
कौन सा पेशा सबसे अच्छा ?
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कुछ बातें
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हम चौथे नम्बर पर ही ठीक है.
ReplyDeleteवैसे मेरे हिसाब से स्तातिसियन को नम्बर एक पर होना चाहिए क्योकि इनसे कभी कोई गलती नही होती , अगर रिजल्ट ग़लत है, या इनका सलाह मान कर आप फस गए तो कोई बात नही सारा दोष सैम्पल साइज़, मॉडल ऑफ़ अनालिसिस पर डाल सकते है.
:)
वाह। हम तो पहिले नम्बर पर हैं। हमको बीस तक पहाड़े आते हैं।
ReplyDeleteगणित को सबसे ऊपर देखकर बड़ी खुशी हुई. आपको बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteअनूप जी, हम आपसे भी आगे हैं, आपको पहाड आते हैं तो हमें बीस तक गिनती आती है!
चलिये शुक्र है हम भी बेस्ट वाले में ही आते,
ReplyDeleteहम तो कही नही दिख रहे है/पर गणित को सबसे ऊपर देखकर बड़ी खुशी हुई!!!!
ReplyDeleteहम तो कही नही दिख रहे है/पर गणित को सबसे ऊपर देखकर बड़ी खुशी हुई!!!!
ReplyDeleteजब आपकी पोस्ट को चिट्ठाजगत पर देखा तो इसके ठीक नीचे वाली पोस्ट पर शायद ज्ञानदत्त जी जबाब दे रहे हैं .ऊपर आपका सवाल है:
ReplyDelete"कौन सा पेशा सबसे अच्छा ?"
नीचे की पोस्ट में जबाब है : "मूर्ख बनाना"
3-5 karke 9,2,11 ho ja, nahi to koi {} me band kar dega. narayan narayan
ReplyDeleteहमारा पेशा तो न अच्छे में है, न बुरे में। :)
ReplyDeleteहमारा पेशा दोनों सूचियों में नहीं है। पर आप की सूचियाँ बहुत कुछ कह रही हैं।
ReplyDeleteएक अच्छी पोस्ट है, लेकिन ब्लाग लेखन को नियमित करिए। चाहे दो पंक्तियाँ ही सही।
मुझे तो मेरा पेशा भी बढ़िया लगता है.. गणित से तो जितना बचे रहे बढ़िया है.. वैसे भी हम हिसाब किताब में ज़रा कच्चे है,,
ReplyDeleteखैर ये तो हमारे मतलब की बात नही पर आपकी दी हुई list से पता चल गया की कौन best है और कौन worst । :)
ReplyDeleteनए साल मुबारक हो ।
bahut acchi jaankaari de aapne...ham to 5th rank par hain..
ReplyDeleteरहने दो, पता है कि जलाने के लिये ही पोस्ट लिखी है । न तीन में, न तेरह में और न बीस में, बस यही जताना चाहते थे, अब खुश :-)
ReplyDeleteजब फ़िर से तेल १०० डालर पार जायेगा तब बात करेंगे । आजकल सितारे गर्दिश में हैं तो तुम भी ऐश कर लो, :-)
भाई कोई हमे बतायेगा कि ये बीस तक गिनती और पहाडे किस चिडिया का नाम होता है?
ReplyDeleteरामराम.
are vaah... ham bhi hai is list me.. :)
ReplyDelete5th number par..
बायोलाजी को छोड़ दें तो बाकी के दो और - सॉफ़्टवेयर और सिस्टम एनालिस्ट भी कुछ कुछ गणितज्ञ होते ही हैं - लॉजिक और अल्गोरिदम...
ReplyDeleteतो, आपको बधाई दे दें? सर्वश्रेष्ठ नौकरी के लिए? :)
होने को खुश हो सकते हैं कि देखो ऊपर की लगभग सभी वृत्तियॉं 'अकादमिक' हैं शनि हमारी वाली।
ReplyDeleteलेकिन कितनी अफसोसजनक बात है कि श्रम की इतनी बेकद्री। शारीरिक श्रम का कोई काम बेहतर कहे जा सकने वाले पेशों में नहंी है जबकि अंतिम बीस में केवल शरीरिक श्रम के ही पेशे हैं..
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पर आप अमरीका से और क्या उम्मीद करते हैं।
अजी इतराइए मत...आपके गणित से भी आगे का एक पेशा है गुणा-गणित :)
ReplyDeleteबोत बदिया , हमनि '' [१ ]एक कोड़ी गिनती तीन बेर गिन सकित है , [२] एक केर पहाड़ा एक कोड़ी और पौन कोड़ी बेर आवत है ; तो हमनी भैएन नंबलदाल
ReplyDeletehamara no 5th hai ji..
ReplyDeletebadhiya hai
vaise mera ganit bahut achha hai
13+103 = 116
भाई हम इन मै किसी मै भी नही. शुक्र, पहाडे हम ताऊ से सीख रहै है.
ReplyDeleteblogger ki koi ginti nahi
ReplyDeleteDekhkar khushi hui ki apna pesha teesre number par hai.
ReplyDeleteरोचक सर्वे है, जानकर प्रसन्नता हुई।
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteबहुत ख़ूब
ReplyDelete---
आप भारत का गौरव तिरंगा गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने ब्लॉग पर लगाना अवश्य पसंद करेगे, जाने कैसे?
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
अगली खोजपूर्ण सूचना का इंतजार।
ReplyDeleteमैं भी धीरे धीरे यहां तक पहुंच गया। कोई बताएगा कि मैं किस नंबर पर हूं।
ReplyDeleteकुछ नयी बात भी कहें ओझा जी, पाठक निराश लौट रहे हैं।
ReplyDelete@Science Bloggers Association: आभार आपका. बस अभी क्षमा ही मांग सकता हूँ. मार्च से सप्ताह में कम से कम एक पोस्ट करने का इरादा है.
ReplyDeleteअभिषेक जी लादेन मिले न मिले जी आपकी इस पोस्ट से मुझे अपने साप्ताहिक कालम के लिए मसाला जरूर मिल गया. कुछ इस तरह...
ReplyDeleteमैं देखउं तुम नाहीं गीधहि दृष्टि अपार...
वाह क्या बात है. इसे कहते हैं एक तीर से कई निशाने. कहीं शिकार को खोजने के लिए गिद्ध दृष्टिï की बात है तो कहीं इसके लिए ड्रोन और सेटेलाइट के सेंस्टिव सेंसर्स हैं. एक तरफ सैटेेलाइट की मदद से ओसामा को ट्रैक करने के लिए बनाई गई ग्राफिक्स हैं तो दूसरी ओर तुलसी बाबा की चौपाई. समस्या ग्लोबल है और विषय बहुत गंभीर. लेकिन उसे जिस अंदाज में पेश किया गया है, उसे पढ़ कर कुछ देर के लिए माथे पर उभरी चिंता की लकीरें होठों की मुस्कान में बदल जाती हैं. जी हां, यहां बात हो रही है ओसामा बिन लादेन की. जाहिर है ओसामा को हल्के में नहीं लिया जा सकता. सुना है वह अफगानिस्तान की पहाडिय़ों में कहीं छिपा हुआ है. अमेरिका की सीआईए और एफबीआई लादेन को खोज- खोज कर हलकान हैं. ड्रोन प्लेन ने ताक-ताक कर निशाना लगाया फिर भी ओसमा बिन लादेन का पता नहीं चल पाया. लेकिन कुछ दिन पहले एक खबर आई जिसमें भूगोल के एक प्रोफेसर ने झट बता दिया कि लादेन कहां छिपा है. एमआईटी इंटरनेशनल रिव्यू में छपे पूरे शोध में सैटेलाइट चित्रों की मदद से दिखाया गया है कि ओसामा के होने की संभावना कहां है. ओसामा को पकड़वा कर पांच करोड़ डालर का इनाम जीतना हो तो अभिषेक ओझा के द्मह्वष्द्धद्ध-ड्ढड्डड्डह्लद्गद्बठ्ठ.ड्ढद्यशद्दह्यश्चशह्ल.ष्शद्व पर नजर डालिए. रिसर्च की मदद से आप लादेन को खोज पाते हैं या नहीं, यह तो बाद की बात है, ओसामा को लेकर होने वाला टेंशन ह्यूमर में बदल जाएगा, इसकी गारंटी है.
अभिषेक लिखते हैं, 'कल ये खबर पढ़ी तो तुलसी बाबा की ये चौपाई दिमाग में आई: मैं देखउं तुम नाहीं गीधहि दृष्टिï अपार। बूढ़ भयहउं न त करतेउं कछुक सहाय तुम्हार ।। वैसे ये चौपाई तो बिल्कुल सटीक बैठती है इस मामले पर. प्रोफेसरों ने कह दिया: 'भाई आप नहीं देख सकते पर हमारे शोध की दृष्टिï अपार है, हमने तो बता दिया ओसमा कहां है. अब हम तो प्रोफेसर बन गए नहीं तो आपकी कुछ और मदद करते.Ó तुलसी बाबा सीधे लिख गए 'गीधहि दृष्टिï अपारÓ. अब गीध...गिद्ध.... शोध तक जा पाता है या नहीं...जहां तक सीआईए के थकने की बात है तो जब तक सीआईए थक नही जाती तबतक ये प्रोफेसर बताने वाले भी नहीं थे. आखिर प्रोफेसर हैं भाई...वो तो काम ही तब करते हैं जब सबकुछ खत्म हो जाता है. अभिषेक के ब्लॉग में आगे ओसामा के सं ाावित ठिकानों को दिखाने वाले सेटेलाइट फोटो भी हैं. आगे लिखा है,'तो फिर हमने बता दिया आप निकल लीजिए अभी भी मौका है 5 करोड़ डालर का इनाम है बाद में मत कहिएगा मैंने नहीं बताया...अगर आप को 5 करोड़ डालर मिल गए तो मेरे हिस्से का देना मत भूलिएगा.Ó